नमस्ते दोस्तों,
मैं योगीराज सिंह,
आज हम जानेंगे क्या हनुमान जी बन्दर थे इसके प्रमाण वाल्मीकि रामायण से ही देंगें। कि हनुमान जी बन्दर नहीं थे।
आइये वाल्मीकि रामायण में देखते है हनुमान जी को क्या कहा गया है उनके क्या गुण कहें गए है।
पहला प्रमाण
वाल्मीकि रामायण में हनुमान जी को वानर लिखा है। वानर शब्द का अर्थ होता है वन में रहने वाले नर(मनुष्य)।
दूसरा प्रमाण
वाल्मीकि रामायण में जब हनुमान जी श्री राम से मिलते है तब श्री राम छोटे भाई लक्षण से कहते है।
जिसे ऋग्वेद की शिक्षा नहीं मिली ,जिसको यजुर्वेद नहीं किया और जिसको सामवेद का ज्ञान नहीं वो इस प्रकार सुन्दर भाषा में वार्तालाप नहीं कर सकता। - वाल्मीकि रामायण किष्किंधा काण्ड तृतीय सर्ग श्लोक २८ ।
क्या कोई बन्दर वेदों का ज्ञाता हो सकता है। बिलकुल नहीं।
अफ़सोस होता है कि वाल्मीकि रामायण के प्रमाणों से उलट कई पाखण्डी जो मनगढंत कहानी बनाते है और अर्थ का अनर्थ करते है।
उन्होंने वेदों के विद्वान हनुमान जी को बन्दर समझ लिया। मगर रामायण में हनुमान जी को बन्दर बताया ही नहीं। बल्कि वानर कहा गया है।
यह जानकारी आपको कैसी लगी जरूर बताएँ।
धन्यवाद।
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