Monday, August 17, 2020

21 अक्टूबर 1943 और 15 अगस्त 1947 की असली कहानी।

 नमस्कार दोस्तों,


क्या 15 अगस्त सच में स्वतंत्रता दिवस है या विभाजन दिवस है? और असल स्वतंत्रता दिवस किस दिन होता है? जानिए


आइए पहले इतिहास को जानें।


इतिहास के पन्ने कहते है कि 15 अगस्त को भारत का विभाजन हुआ था और मुसलमानों ने भारत राष्ट्र के दो टुकड़े किए थे। और इसके लिए ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने इसी नारे के साथ चुनाव लड़ा था कि हम मुसलमानों को अलग से इस्लामिक मुल्क बना कर देंगें और 99% मुसलमानों ने मुस्लिम लीग को वोट दिया वो भी इस लिए की भारत के 2 टुकड़े कर अलग इस्लामिक मुल्क चाहिए। मुस्लिम लीग चुनाव जीत गयी और मुल्क का विभाजन हुआ। जिन्ना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनें और नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बनें। 15 अगस्त 1947 पंजाब में 50 हज़ार से ज्यादा स्त्रियों का सड़क पर बलात्कार हुआ। सरकारी आँकड़े कर मुताबिक 23 लाख लोगों का क़त्ल हुआ। बाकि तो गितनी ही नहीं है मगर नेहरू दिल्ली को के अंदर ताजपोशी की जल्दबाजी में निश्चिंत शपत ले रहे थे।


इसका जिम्मेदार कौन? जिन्होंनें 23 लाख से ज्यादा लोगों का क़त्ल और बच्चों की हत्या,बोर स्त्रियों का बलात्कार कराया। मेरी तरफ से इन सब के आरोपी और जिम्मेदार गाँधी, जिन्ना,और नेहरू थे। मगर इनपर कोई आरोप नहीं है। यह खूनी हीरो है अपने अपने देश में। यही दुर्भाग्य है।


भारत का असल स्वतंत्रता दिवस किस दिन होता है यह भी जानिए- 


21 अक्टूबर 1943 को भारत में पहली सरकार आज़ाद हिंद फौज ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और 12 देशों ने भारत की आज़ादी को मान्यता दी और समर्थन किया। और आज़ाद हिंद फौज के प्रधान नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी ही भारत के पहले प्रधानमंत्री है। और देश 21 अक्टूबर 1943 को ही आज़ाद घोषित हो गया था।


आप सभी लोग सत्य को धारण करें इतिहास को पढ़े कि 21 अक्टूबर 1943 को देश स्वतंत्र हुआ और पहले प्रधानमंत्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस बनें। और 15 अगस्त 1947 को भारत का विभाजन हुआ और भारत राष्ट्र के दो टुकड़े हुए और दूसरा टुकड़ा इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान बना।


आप सभी को यह जानकारी कैसी लगी कमेन्ट जरूर बताएँ।


धन्यवाद🙏

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