Wednesday, May 27, 2020

कथा जिहाद-

कथा जिहाद- कई कथावाचकों द्वारा 
व्यासपीठ पर बैठ कर सनातन विरोधी स्वर सुनते आप देख सकते है यह संख्या एक दो नहीं बल्कि सैंकड़ों में है। कई कथा वाचकों के ऐसा बोलने की कई वजह हो सकती है। जैसे
1- धर्म का ज्ञान नहीं होना। मजहब,पंथ और धर्म में फर्क पता न होना।
2- अपने आपको सेक्यूलर दिखाने के लिए अनर्गल ढोंग करना।
3- धर्म को पैसों की खातिर दाव पर लगा देना।
4- सनातन धर्म को मानने वालों को धर्म से दूर अधर्म और मजहब की और धकेलना।
5- सनातन धर्म को कम समझना और उसके हिस्से होने की हीन भावना।

यह कथावाचकों की गलती से या जानबूझकर किया जाने वाला अन्याय सनातन धर्म को मानने वालों की कब्र खोदने के लिए काफी है। 
चित्रलेखा जी कहती है नमाज़ की आवाज़ सुनाई दे तो कथा रोक कर उनके अल्लाह को प्रणाम करें क्या फर्क पड़ता है।
मुरारी बापू कहते है कि अल्लाह की बंदगी करो।
कलमा पढ़वा रहे व्यासपीठ से।
कई कथावाचक भारत पर आक्रमण करने वाले औरंगज़ेब की तारीफों के पुल बाँध रहे है वो औरंगज़ेब जिसने भारत पर हमला किया,भारत की स्त्रियों के बलात्कार किये,मंडी लगवाई,बेचा गया।
अकबर जैसे बलात्कारी,लुटेरों की तारीफ करने में लगे है।
इनकी यह नासमझी सनातन धर्म की लड़कियों को इस्लाम की तरफ लव जिहाद की ओर धकेल रही है। 
सनातनियों का अहित हो रहा है इसमें। भारत के साथ,सनातन धर्म के साथ,और भारत के इतिहास के साथ ग़द्दारी है ऐसा करना।

अंत में यही कहूँगा ऐसे भ्रमित करने वाले कथावाचकों का विरोध करें और उनको धर्म गुरु मानने की गलती न करें।

आपकी क्या राय है आप कमेंट्स बॉक्स में जरूर दें। 
धन्यवाद

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